Jeevan's Blog
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अहर्निश है गतिमान न्यायालय
धनि-कुबेर का यह न्यायालय
निर्धन है यहाँ सदा उपेक्षित
बाहुबली निर्भय सम्मानित
कदम-कदम पर सांठ-गांठ का
खेल दिखाता यह न्यायालय
सच को झूठ, झूठ को सच
यह नित्य बनाता है न्यायालय
बेबस और लाचार जनों को
निर्बल करता यह न्यायालय
वादी-प्रतिवादी दोनों को
परेशान करता यह न्यायालय
आशा और निराशा को यह
सदा बदलता है न्यायालय
सीधी और सच्ची बातों को
हरदम झुठलाता न्यायालय
ध्रृतराष्ट्र और दुर्योधन बन
न्याय दिलाता यह न्यायालय
कौरव-पांडव की भरी सभा में
चीरहरण करवाता न्यायालय
हत्यारा और अपराधी को
दोषमुक्त करता न्यायालय
संसद-संविधान खेल-खिलौने
सावित करता यह न्यायालय……..
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