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हमारे देश की महिलाएं पूजा-पाठ को ज्यादा महत्व देती है. उनका मत है कि पूजा पाठ करने से हमारा कल्याण होता है, धन, वैभव, पद, प्रतिष्ठा, एवं मोक्ष की प्राप्ति होती है. उन्हें यह पता नहीं कि जो हमें पूजा पाठ का पहाड़ा पढाता है वही कितने अधर्मी हैं. इनके कई उदाहरण हमारे सामने है, इनमें तो कई आजकल अखबार के सुर्खी में है. आज ही के अखबार में छापा है कि दिल्ली के साकेत स्थित पुष्प विहार के सेक्टर एक स्थित शिव मंदिर में पुजारी द्वारा एक मंद बुद्धि युवती के साथ बलात्कार कर लिया गया. जब मंदिर के पुजारी को पता है कि कोइ पाप-पुण्य, धर्म-अधर्म नहीं होता है तो हमलोग इस पचड़े में क्यों पड़ें. बेवजह हमलोग मंदिर मस्जिद का चक्कर काटकर अपना बहुमूल्य समय नष्ट करते हैं. हमारे देश के कई मठाधीशों, चाहे वे कबीर मठ हों, आशा राम बापू के मठ हों, महर्षि मेंहीं के आश्रम हों सभी को पता है कि महिलाओं के स्मत को लूटने से कोइ पाप नहीं होता है, इसलिए तो हमारे देश में बलात्कारियों की कमी नहीं है वे जानते हैं कि जब उन तथाकथित मठाधीशों, महर्षियों, आचार्जों को महिलाओं, लड़कियों का स्मत लूटने में कोइ पाप नहीं लगता है तो हमें क्यों लगेगा. इसलिए मैं सभी धर्मों के तमाम माताओं, बहनों से मेरा आग्रह है कि, हे माताओं!…. हे बहनों!….. घोर कलयुग आ गया है आज तुम्हारा स्मत लूटने में किसी को कोइ पाप नहीं लगेगा. इसलिए हे माताओं!, हे बहनों! तुम अपना बहुमूल्य समय पूजा-पाठ, मंदिर- मस्जिद के चक्कर काटने में मत गवाओ, कोइ रचनात्मक कार्य कर देश के विकाश में सहयोग करो.
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