Jeevan's Blog
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होली आयी भी और चली भी गयी किन्तु लोगों का मन साफ़ नहीं हो सका। इस वार भी अन्य वर्षों की तरह लोगों ने शराब पी कर खूब उधम मचाया। यह पर्व भाईचारे का पर्व है किन्तु लोग रंग और गुलाल लगाने के नाम पर ओछी हरकत कर बैठते हैं। होली के दिन मैं अपने रिश्तेदार से मिलाने गया था तो देखा की एक ब्यक्ति ने किसी महिला को गुलाल लगाने के बहाने उसके नाजुक बदन को ही सहलाने लगा इसपर उक्त महिला काफी भरक गयी और काफी शोर शराबा हुआ। मेरे एक मित्र के ससुराल में भी कमोबेस यही घटना घटी, रंग देने लेने के चक्कर में मार पीट हुआ और केस मुकदमा भी हो गया। हमें होली का आनंद उठाना चाहिए किन्तु सयंम से.
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